चीनियों की पहली पसंद एपल का आईफोन, भारतीय बाजर में छाया चाइनीज स्मार्टफोन

चीनियों की पहली पसंद एपल का आईफोन, भारतीय बाजर में छाया चाइनीज स्मार्टफोन

नई दिल्ली/ भारत में चीनी कंपनियों के बनाए स्मार्टफोन काफी लोकप्रिय हैं जबकि चीन के लोग एपल के आईफोन पर भरोसा कर रहे हैं। शाओमी, ओप्पो, रियलमी और वीवो भारत के टॉप-5 स्मार्टफोन ब्रांड में शामिल हैं लेकिन ये फोन चीनी नागरिकों को पसंद नहीं है। वहां के लोग अपने देश की तुलना में एपल के आईफोन पर ज्यादा भरोसा कर रहे हैं। एक सर्वेक्षण में बताया गया है कि आईफोन-13 सीरीज चीन में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है।

बीते अक्टूबर की रिपोर्ट के मुताबिक, ओप्पो को पीछे छोड़कर एपल चीन का टॉप स्मार्टफोन ब्रांड बन गया है। चीन में सबसे ज्यादा एपल के आईफोन को पसंद किया जाता है। रिसर्च फर्म काउंटरपॉइंट ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि अक्टूबर में आईफोन 13 सीरीज के स्मार्टफोन में पिछले महीने के मुकाबले 46ः की ग्रोथ देखी गई। चीन की टॉप टेक कंपनियां हुवावे, वीवो, ओप्पो टॉप स्मार्टफोन ब्रांड बनने में पीछे रह गईं।

इस साल मार्च में ओप्पो, चीन की सबसे बड़ी स्मार्टफोन कंपनी बनकर उभरी थी। इससे पहले मार्च 2021 में वीवो टॉप पर रही थी। अक्टूबर में इन सभी कंपनियों को पीछे छोड़कर एपल चीन की लीडिंग स्मार्टफोन कंपनी बन गई। यह दिसंबर 2015 के बाद पहला मौका है, जब एपल चीन में टॉप स्मार्टफोन ब्रांड बनकर उभरा है।

रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले कुछ समय में हुवावे प्रीमियम स्मार्टफोन के मार्केट से बाहर है। पिछले 5 से 6 महीने में हुवावे के मार्केट शेयर में जोरदार गिरावट देखी गई है। इसका सीधा फायदा एपल को मिला है।

जुलाई से सितंबर यानी तीसरी तिमाही के बीच शाओमी ने भारत में सबसे ज्यादा स्मार्टफोन बेचे हैं। शाओमी 2021 की तीसरी तिमाही में 1.2 करोड़ स्मार्टफोन की बिक्री के साथ सबसे आगे रहा। इंटरनेशनल डेटा कॉर्पोरेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 की तीसरी तिमाही में भारतीय स्मार्टफोन मार्केट में सालाना आधार पर 12 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इस दौरान भारत में 4.8 करोड़ स्मार्टफोन शिपमेंट किए गए।

रिसर्च फर्म काउंटरपॉइंट की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में सिर्फ सैमसंग चीनी कंपनियों को टक्कर दे रही है। 2020 में भारत में 5.42 करोड़ फोन की बिक्री हुई थी। तब वीवो सबसे आगे था। भारतीय स्मार्टफोन मार्केट में यह पहली बार था जब 12ः गिरावट हुई। जबकि इसके पहले पिछली 4 लगातार तिमाहियों में ग्रोथ ही दर्ज की गई थी। इसकी वजह लॉकडाउन में हुई चिप की कमी मानी जा रही है।

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