हैदराबाद/ नयी दिल्ली/ सनातन धर्म पर जारी बहस में अब कांग्रेस भी शामिल हो गयी है। कांग्रेस ने दावा किया कि राष्ट्रीय स्वयंवेक संघ (आरएसएस) चीफ डाॅ. मोहन राव भागवत ने सबसे पहले हिंदू धर्म में भेदभाव का मुद्दा उठाया था। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा सनातन धर्म के बहस में शामिल होते हुए कहा कि मोहन भागवत जी ने हिन्दू धर्म में भेदभाव की बात कही थी। बीते दिन अपने बयान में खेड़ा ने कहा कि उन्होंने कुछ दिन पहले यह मुद्दा उठाया था।
सनातन धर्म विवाद में शामिल होगर कांग्रेस ने अब यह साबित कर दिया है कि उसके खिलाफ हो रहे प्रचार को वह अब बरदास्त नहीं करेगी। सनातन धर्म को लेकर विवाद सबसे पहले तब शुरू हुआ जब तमिलनाडु के एक मंत्री ने इसकी तुलना डेगूं और मलेरिया जैसी संक्रामक बीमारी से और कहा कि इसे खत्म करने का अभियान चलाया जाना चाहिए। उक्त मंत्री इंडिया गठबंधन के घटक द्रविड़ मुनेत्र कषगम के नेता हैं।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) तमिलनाडु के मंत्री और द्रमुक नेता उदयनिधि स्टालिन की सनातन धर्म पर विवादास्पद टिप्पणी को लेकर विपक्षी दल इंडिया पर लगातार निशाना साध रही है।
खेड़ा ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘यह मुद्दा मोहन भागवत के बयान से शुरू हुआ। खेड़ा कहना है कि मोहन राव जी ने ही 15 दिन पहले बोला था कि हमने 2000 साल तक शोषण किया है। उन्होंने ये बात हिंदू धर्म के विषय पर कही।’’ पवन खेड़ा हैदराबाद में कांग्रेस कार्य समिति की दो दिवसीय बैठक के बाद बोल रहे थे। हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कांग्रेस नेता आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के एक हालिया बयान का जिक्र कर रहे थे जिसमें उन्होंने आह्वान किया था कि तब तक आरक्षण जारी रखा जाए, जब तक समाज में भेदभाव है।
हालांकि भागवत ने आरक्षण को लेकर यह बात कही थी लेकिन खेड़ा इस मामले को सनातन विवाद से जोड़ कर प्रचारित कर रहे हैं। बैठक के पहले दिन पवन खेड़ा ने कहा था कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं को बीजेपी के अप्रासंगिक जाल में फंसने के खिलाफ चेतावनी दी है। खेड़ा ने कहा, राहुल गांधी ने वैचारिक स्पष्टता की आवश्यकता पर विशेष जोर दिया है। उन्होंने हमें बीजेपी के अप्रासंगिक जाल में फंसने से बचने का आगाह किया। हालांकि खेड़ा इस मामले में फंसते नजर आ रहे हैं और सनातन विवाद में पूरी कांग्रेस को फंसाने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए दिख रहे हैं।