रांची/ शिव शिष्य परिवार के संस्थापक वरेण्य शिष्य हरिंद्रानंद का रविवार को निधन हो गया। वह पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे और दो दिन पहले उन्हें हृदयाघात हुआ था। इसके बाद हरिंद्रानंद को उपचार के लिए रांची के पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उन्हें पल्स अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था। बीती रात को उनकी तबियत और बिगड़ गयी।
हरिंद्रानंद के बड़े बेटे अर्चित आनंद ने बताया कि रविवार तड़के तीन बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। हरिंद्रानंद जी के देशभर में करोड़ों अनुयायी हैं। बिहार प्रशासनिक सेवा से अवकाश ग्रहण के बाद वे पूरी तरह धर्म-अध्यात्म के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था। पूज्य श्री की पत्नी नीलम दीदी की मृत्यु पहले हो चुकी है। हरिंद्रानंद का संबंध झारखंड से जुड़ा रहा है। मनातू के मौआर उनके ससुर थे, जिनका हाल ही में निधन हुआ है। हरिंद्रानंद को बचपन से ही अध्यात्म के प्रति उनकी गहरी अभिरुचि थी।
बताया जाता है कि दो दिन पहले दिल का दौरा पड़ने की वजह से उन्हें पारस हॉस्पिटल में दाखिल कराया गया था। उनके हार्ट में ब्लॉकेज पाया गया ऐसा बताया गया है। एंजियोग्राफी के लिए उन्हें बाहर ले जाने की तैयारी चल रही थी लेकिन इसके पूर्व ही उन्होंने देह त्याग दिया।