राज्यसभा चुनाव को लेकर भाजपा में रस्साकशी, निश्चित पर नकवी तो अनिश्चित पर राय की कवायद

राज्यसभा चुनाव को लेकर भाजपा में रस्साकशी, निश्चित पर नकवी तो अनिश्चित पर राय की कवायद

गौतम चौधरी 

रांची/ बीते दिन झारखंड के दो राज्यसभा सीटों को लेकर भी अधिसूचना जारी कर दी गयी। चुनाव 10 जून को होना है। हालांकि, इस चुनाव को लेकर रज्य की क्षेत्रीय पार्टी से लेकर राष्टकृीय पार्टी तक विगत तीन-चार महीने से अपनी-अपनी लॉबिंग कर रहे हैं लेकिन अधिसूचना के बाद पार्टियों की गतिविधि बढ़ गयी है। जहां एक ओर सत्तारूढ़ महागबंधन में जोर-आजमाईश जारी है वहीं प्रतिपक्षी भाजपा ने भी दोनों सीटों को लेकर गंभीर दिखने लगी है।

फिलहाल दोनों सीटों पर भाजपा का कब्जा
झारखंड के जिन दो सीटों पर चुनाव होना है फिलहाल उसपर भाजपा का कब्जा है। एक सीट पर भाजपा नेता एवं केन्द्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी राज्यसभा के सदस्य हैं तो दूसरी सीट पर भाजपा नेता एवं पूर्व झारखंड प्रदेश कोशाध्यक्ष महेश पोद्दार विराजमान हैं। जिस समय दोनों नेताओं की जीत हुई थी उस वक्त प्रदेश में भाजपा की सरकार थी और विधायक संख्या बल में भी भाजपा मजबूत थी लेकिन इस बार सत्तारूढ़ महागठबंधन का पलड़ा भारी है।

राज्यसभा चुनाव का गणित
इस बार राज्यसभा चुनाव को भारतीय जनता पार्टी के लिए दोनों सीट बचाना कठिन जान पड़ता है। प्रेक्षकों का मानना है कि एक सीट पर तो भाजपा की जीत पक्की है लेकिन दूसरी सीट के लिए पार्टी को कठिन संघर्ष का सामना करना पड़ेगा। यदि विधायकों की संख्या बल देखें तो महागठबंधन के पास विधायकों की कुल संख्या 49 है जबकि भाजपा के पास फिलहाल 26 विधायक हैं। यदि आजसू के विधायकों को भी जोड़ दिया जाए तो भाजपा के पास 28 विधयकों की संख्या जुटती है। वैसे राज्यसभा में जीत दर्ज कराने के लिए 27 विधायक चाहिए।

भाजपा के दावेदार
राज्यसभा सीट के लिए वैसे तो भारतीय जनता पार्टी में कई दावेदार हैं लेकिन उन दावेदारों में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास का नाम सबसे उपर चल रहा था। इधर के दिनों में भाजपा ने अपनी रणनीति में थोड़ा परिवर्तन किया है। पक्की वाली सीट पर भाजपा केन्द्रीय मंत्री मुख्तार नकवी को ही उतारेगी जबकि जिस सीट पर संदेह है उसके लिए भाजपा दो नामों पर विचार कर रही है। उन दो नामों में एक तो महेश पोद्दार हैं और दूसरे डॉ. रविन्द्र राय हैं। इधर के दिनों में रविन्द्र राय ने भाजपा पर अपनी पकड़ मजबूत बनाई है। जानकार बताते हैं कि राय ने न केवल संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह के साथ अपने संबंध सुधारे हैं अपितु किसी विश्वस्थ के माध्यम से पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के साथ भी तालमेल बिठाने में कामयाब रहे हैं। राय का लगातार दिल्ली दौरा भी इस बात का संकेत दे रहा है कि इन दिनों राय की पार्टी में स्थिति मजबूत हुई है। इसलिए राज्यसभा की दूसरी सीट के लिए रविन्द्र भाजपा के उम्मीदवार हो सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »