चंडीगढ़/ आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने गुरूवार को पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र से वॉकआउट कर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर आरोप लगाए कि पंजाब का सौदा करने में उन्होंने ही अहम भूमिका निभाई है।
आप के वरिष्ठ एवं नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पहले यह बताएं कि पंजाब में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का अधिकार क्षेत्र 15 किमी. से 50 किमी. तक बढ़वाने पर उनकी नरेंद्र मोदी और अमित शाह से क्या डील हुई? चन्नी की ऐसी क्या मजबूरियां और कमजोरियां हैं कि वह केंद्र की मोदी सरकार के सामने घुटने टेकने पर विवश हो गए।
वहीं वॉकआउट के बाद ‘आप’ के वरिष्ठ नेता एवं विधायक अमन अरोड़ा ने बताया कि सदन में मुख्यमंत्री उनके सवालों से बचते दिखे। अरोड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री चन्नी अमित शाह से दिल्ली जाकर मिले और उसके बाद अपने ट्विटर हेंडल से ट्वीट कर पंजाब की सीमा को असुरक्षित बताते हुए कहा कि सीमा पार से नशा और हथियार आ रहे हैं। इस निराधार दावे के बूते केंद्र की मोदी सरकार द्वारा 13 अक्तूबर को पंजाब में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को 15 किमी. से बढ़ाकर 50 किमी. तक कर दिया गया।
अमन अरोड़ा ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री चन्नी से उनके ट्विटर हेंडल से किए ट्वीट का कारण पूछा तो वह मुकर गए। इसके बाद उन्होंने 5 अक्तूबर को मुख्यमंत्री चन्नी द्वारा अमित शाह को किया ट्वीट उन्हें दिखाया। अरोड़ा ने विधानसभा परिसर में मीडिया को मुख्यमंत्री द्वारा अमित शाह को किया ट्वीट भी दिखाया।
अमन अरोड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री चन्नी स्पष्ट करें कि उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार से बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र के जरिए पंजाब का सौदा किन कारणों से किया है? अरोड़ा ने कहा कि पंजाब के संघीय ढांचे को हिलाने और पंजाब को खतरे में डालने वाले अपने इस सौदे के लिए मुख्यमंत्री चन्नी को पंजाब और पंजाब के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।
हरपाल सिंह चीमा और अमन अरोड़ा ने कहा कि सर्व पार्टी मीटिंग में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने भरोसा दिलाया कि पंजाब में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी जाएगी। लेकिन उस समय से अब तक कांग्रेस की चन्नी सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की है।