नयी दिल्ली/ इस्लामिक चरमपंथी सगठन, पाॅपुलर फ्रंट आॅफ इंडिया पर केन्द्र सरकार ने पांच वर्षों के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। पीएफआई पर बैन का बीजेपी ने स्वागत किया है जबकि एआईएमआईएम ने कहा इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।
केन्द्रीय गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया है कि पीएफआई पर पांच वर्षों के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है। पीएफआई पर लगाए गए प्रतिबंध का सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने स्वागत किया है। बीजेपी ने अपने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि यह स्वागत योज्ञ कदम है। केंद्र सरकार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसके सहयोगी संगठनों पर प्रतिबंध लगाकर एक साहशिक काम किया है।
बता दें कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को पीएफआई एवं उसके कई सहयोगी संगठनों, जैसे – पुनर्वसन इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (एआईआईसी), नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (एनसीएचआरओ), नेशनल वूमेंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल को गैरकानूनी संगठन घोषित कर दिया।
देश में आतंकवादी गतिविधियों का कथित तौर पर समर्थन करने के लिए इस संगठन को जाना जाता है। इस्लाम के नाम पर संगठन मुस्लिम युवाओं को भड़का रहा था और पूरे देश में दंगे करानी की योजना पर काम कर रहा था। बीते दिन देश की सुरक्षा एजेंसियों ने एनआईए के नेतृत्व में अभियान चलाकर इसके 200 से अधिक सक्रिय सदस्यों को हिरासत में लिया। बता दें कि बीते 22 सितंबर को भी इस संगठन के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई की गयी थ। इसके बाद बीते मंगलवार को यानी 27 सितंबर को कई राज्यों में छापेमारी की गयी। जिसमें पीएफआई से जुड़े कम से कम 250 लोगों को हिरासत में लिया गया था। आज सुबह केन्द्र सरकार ने इस संगठन पर प्रतिबंध की घोषणा कर दी।