चंडीगढ़/ आम आदमी पार्टी (आप) ने प्रदेश में उद्योगों की बर्बादी के लिए बादल परिवार को सबसे बड़ा जिम्मेदार ठहराया है, क्योंकि जब केंद्र की वाजपेयी सरकार ने पंजाब के साथ पक्षपात करते हुए पड़ोसी पहाड़ी राज्यों को उद्योगों के लिए विशेष रियायत पैकेज दिए थे, उस समय केंद्रीय उद्योग राज्य मंत्री स्वयं सुखबीर सिंह बादल ही थे। ‘आप’ के अनुसार एक मंत्री की कुर्सी के लिए सुखबीर बादल द्वारा कमाई गद्दारी के लिए पंजाब कभी भी बादल परिवार को माफ नहीं कर सकता।
पार्टी मुख्यालय से शनिवार को जारी बयान में पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि बादलों, कांग्रेसियों और भाजपा वालों ने निजी फायदे के लिए पंजाब के उद्योग जगत को बर्बाद करके रख दिया। अमन अरोड़ा ने सुखबीर सिंह बादल द्वारा शुक्रवार को कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) में की बयानबाजी को छल-कपट का शिखर करार देते हुए कहा कि अच्छा होता सुखबीर बादल पंजाब की इंडस्ट्री और निवेशकों के बाहर जाने संबंधी मगरमच्छ के आंसू बहाने के बजाय वाजपेयी सरकार द्वारा पहाड़ी राज्यों को विशेष पैकेज के जरिए पंजाब की स्थापित इंडस्ट्री पर किए योजनाबद्ध हमले के लिए पंजाब के लोगों से माफी मांगते, क्योंकि पंजाब विरोधी उस फैसले के लिए बतौर केंद्रीय उद्योग राज्य मंत्री सुखबीर सिंह बादल उसी प्रकार बराबर के भागीदार हैं, जैसे कृषि विरोधी तीनों काले कानूनों के लिए मोदी सरकार के ऑर्डिनेंस पर बतौर केंद्रीय फूड प्रोसेसिंग मंत्री हरसिमरत कौर बादल है, जिन्होंने ऑर्डिनेंसों का विरोध करने के बजाय बतौर कैबिनेट मंत्री हस्ताक्षर कर दिए थे, क्योंकि उस समय प्राथमिकता मंत्री की कुर्सी बचाना था, जिसे बाद में लोगों के दबाव में छोड़ना भी पड़ा।
अमन अरोड़ा ने कहा कि बिना शक कांग्रेस की पिछली और मौजूदा सरकारों ने केंद्र द्वारा पंजाब की इंडस्ट्री के साथ किए पक्षपात को कभी सुधारने की जरूरत नहीं समझी, जबकि कई वर्ष पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह और केंद्र में डॉ. मनमोहन सिंह की अगुवाई में कांग्रेस की सरकारें रही।
अमन अरोड़ा ने कहा कि पंजाब की इंडस्ट्री को पहले आतंकवाद ने बर्बाद किया, उसके बाद केंद्र की वाजपेयी और डॉ. मनमोहन सिंह की सरकारों द्वारा पहाड़ी राज्यों को दिए विशेष पैकेज ने बिल्कुल बर्बाद कर दिया। उन्होंने कहा कि 2016 में आरटीआई रिपोर्टों के अनुसार पिछले 10 वर्षों (2006-2016) में 19 हजार उद्योग इकाई पंजाब से बाहर पलायन कर गई थी, उस समय पंजाब में बादलों की सरकार थी। इसी तरह पीएसपीसीएल की 2021 की ताजा रिपोर्टों के अनुसार 2016-17 में पंजाब में उद्योगों के जो एक लाख 2063 बिजली कनेक्शन चलते थे, वह 2018-19 में कम होकर 91,546 रह गए, यानीकि 10.50 लाख ओर उद्योग बंद हो गए।
‘आप’ नेता ने कहा कि बीते 15 वर्षों में करीब 30 हजार उद्योग (छोटे-बड़े) या तो बंद हो गए या दूसरे राज्यों में पलायन कर गए। इसके लिए बादल और कांग्रेस सरकारें एक-दूसरे से बढकर जिम्मेदार हैं। अरोड़ा ने बताया कि पिछले 6-7 वर्षों से उद्योगों के वैट का करीब 400 करोड़ रुपये रिफंड बकाया है, जिसमें बादल सरकार के समय का बकाया भी शामिल है। उन्होंने उद्योगों को जीएसटी वैट के लिए पिछले दो वर्षों में जारी किए सवा लाख नोटिसों के लिए कांग्रेस सरकार की आलोचना भी की।
अमन अरोड़ा ने कहा कि कांग्रेस और अकाली-भाजपा सरकार की उद्योग, व्यापारी और कारोबारी विरोधी नीतियों के कारण ‘आप’ के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार की तर्ज पर पंजाब के उद्योग जगत को इंस्पेक्टरी राज और भ्रष्टाचार को खत्म करने और भय मुक्त माहौल के वादे किए हैं।