यहां पुरुषों का निकाह लड़कों से ही करा दिया जाता है

यहां पुरुषों का निकाह लड़कों से ही करा दिया जाता है

आनंद कुमार अनंत

यह संसार विचित्राताओं से भरा हुआ है। कई बातें यहां ऐसी होती हैं जो सच्चाई कल्पना से भी अधिक आश्चर्यजनक साबित होती हैं। कई ऐसी कुपरंपराएं भी होती हैं जिसका पालन लोग आंख बंद कर के आज के युग में भी करते देखे जा सकते हैं। इंडोनेशिया के जावा द्वीप पर पोनोरोगो नामक एक छोटा-सा शहर है। यहां मुस्लिम आबादी की बहुलता है। इस्लाम धर्म में समलैंगिक संबंधों को स्वीकृति प्राप्त नहीं है, फिर भी यहां एक परंपरा अत्यंत प्राचीन काल से ही चली आ रही है जिसमें लड़कों को पुरूषों की पत्नी की भूमिका निभाते हुए रहना पड़ता है।

वारोक अर्थात् धर्माचार्य या पुजारी को ‘वोक कुचिन’ के नाम से जाना जाता है। वोक कुचिन का आवास पोनोरोगों मेें किसी मंदिर सरीखा दिखाई देता है। इस आवास को देखकर यह आभास नहीं होता है कि यह किसी धर्माचार्य या पुजारी का आवास होगा। पोनोरोगो में इन वारोकों को अत्यंत मान-सम्मान प्राप्त है। वहां की स्थानीय जनता इनकी कथित अलौकिक शक्तियों से भयाक्रांत रहती है किन्तु समस्त वारोकों के मध्य वोक कुचिन को सर्वाधिक श्रद्धा और सम्मान प्राप्त है। इनके आवास पर प्रतिदिन उनके अनुयायियों का तांता लगा रहता है। ये अनुयायी अपनी समस्याओं के समाधान के लिए व आध्यात्मिक संरक्षण पाने के लिए वोक कुचिन के पास आते रहते हैं।

वहां के युवा लड़कों को ‘जेम ब्लेक’ के नाम से जाना जाता है। जब युवा लड़के वीर्य धारण करने योग्य हो जाते हैं अर्थात् जो मैथुन क्रिया के उपरान्त वीर्यपात करने में सक्षम होते हैं, उस उम्र के लड़कों का प्रतीकात्मक विवाह पोनोरोगो के स्थानीय पुजारियों के साथ करना अनिवार्य होता है। पुजारियों के साथ जेम ब्लेक के विवाह के अवधि सामान्यतः दो वर्षो की होती है। इस अवधि में इन किशोर लड़कों को पुजारियों की जीवन संगिनी की भूमिका का बखूबी निर्वाह करना पड़ता है। इन्हें नियमित रूप से पुजारियों के साथ ही पत्नी की भांति शयन करना पड़ता है। अवधि समाप्त हो जाने के बाद उन युवकों को वापस परिवार में भेज दिया जाता है। वहां से लौटकर आने वाले युवकों को ही युवतियों से शादी करने का अधिकार होता है।

किंवदंती है कि तकरीबन एक हजार वर्ष पूूर्व एक इंडोनेशियाई सम्राट जिसका प्रासाद (महल) पोनोरोगो में ही अवस्थित था, ने किसी स्त्राी से विवाह रचाने के लिए मना कर दिया था। सम्राट ने किसी स्त्राी को अपनी रानी बनाने के बजाय एक लड़के से ही विवाह रचाया था। तभी से पोनोरोगो के पुजारीगण इस परंपरा को जीवित रखे हुए हैं।

(अदिति)

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