सोनी मल्होत्रा
कैलिफोर्निया के शोधकर्ताओं द्वारा किये गए एक शोध में पाया गया है कि टीन एजर्स में धूम्रपान के बढ़ते शौक के कारण न केवल डिप्रेशन बल्कि नींद न आने की बीमारी आदि की समस्याएं भी आ रही हैं। इस शोध के शोधकर्ता क्रिस्टी पेनटन ने 7900 धूम्रपान करने वाले किशोरों की स्वास्थ्य समस्याओं का अध्ययन किया और पाया कि धूम्रपान करने वाले किशोरों को धूम्रपान न करने वाले की तुलना में अवसाद और नींद न आने की समस्या और घबराहट हुई। विशेषज्ञों के अनुसार इसका कारण सिगरेट में निकोटिन की अधिक मात्रा का होना ही माना जाता है।
साइकोसोमेटिक मेडिसिन में प्रकाशित 1238 व्यक्तियों और उनके जीवन साथियों के अध्ययन से पता चला है कि इन लोगों का रक्तचाप अपने जीवन साथी की मौजूदगी में कम हो जाता है, भले ही उनका वैवाहिक जीवन संतोषप्रद हो या नहीं। रक्तचाप में यह गिरावट दोस्तों से बात करते या अकेले रहने के मुकाबले कहीं ज्यादा होती है। इसकी वजह यह बतायी गयी है कि जीवन-साथी की मौजूदगी मनुष्यों के लिए सुरक्षा का संकेत होती है। उक्त रक्तचाप का संबंध कई हृदय रोगों से होता है।
अमरीका की जार्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में हाल ही में हुए एक शोध के बाद यह तथ्य सामने आया है कि जिन महिलाओं के अधिक दोस्त होते हैं, वे कम दोस्तों वाली महिलाओं की अपेक्षा ब्रेस्ट कैंसर की कम शिकार होती हैं। शोधकर्ताओं ने महिलाओं के दो ग्रुपों का अध्ययन किया जिनमें से एक गु्रप की महिलाओं में छह से अधिक दोस्त थे और दूसरी गु्रप की महिलाओं के छह से कम। इन महिलाओं का अध्ययन करने पर पता चला कि जिन महिलाओं के अधिक दोस्त थे, उनमें या तो ब्रेस्ट कैंसर था ही नहीं या उनकी कैंसर से मौत होने की संभावना बहुत कम थी। दरअसल दोस्तों का साथ तनाव कम करता है जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है और कैंसर पनप नहीं पाता है।
न्यूयार्क यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध अध्ययन के अनुसार सेक्स थेरेपी के माध्यम से न आयु को ही बढ़ाया जा सकता है बल्कि वृद्धावस्था के रोग ’अल्जाइमर‘ पर भी काबू पाया जा सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार मनुष्य की आयु बढ़ने के साथ-साथ यौन ग्रंथि के हार्मोन (टेस्टोस्टीरोन) में धीरे-धीरे कमी होने लगती है। नतीजतन बुढ़ापे में अल्जाइमर की संभावना अधिक बढ़ जाती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस बीमारी से बचने के लिए सेक्स थेरेपी एवं हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी कारगर साबित हो सकती है।
तनाव से गर्भवती को दमा सम्भव है। पीडिएट्रिक्स नामक मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक फर्स्ट टाइम (पहलौटी संतान) इशु के दौरान जिन गर्भवती महिलाओं का पारिवारिक स्तर से तनाव अधिक होता है, उन्हें प्रसव के बाद दमा की शिकायत हो सकती है। रिपोर्ट के अनुसार तनावग्रस्त गर्भवती महिलाओं के बच्चे भी स्कूल जाने की उम्र तक दमा रोग से ग्रसित हो सकते हैं, अतः गर्भावस्था में तनावसे मुक्त रहना ही श्रेयस्कर होताहै।
अमेरिका के हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में किये गये एक अध्ययन से पता चला है कि अधिक मात्रा में शीतल पेय अर्थात् कोला, पेप्सी या लेमोनेड पीने वाली लड़कियों की हड्डियां अपेक्षाकृत कमजोर हो जाया करती हैं और उनमें प्रथम प्रसव के उपरान्त जोड़ों का दर्द प्रारंभ हो जाता है। अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार शीतल पेयों में ’फास्फेट‘ की मात्रा अधिक होती है जो हड्डियों के लिए नुकसानदेह होता है।
यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी के आस्ट्रेलियन शोधकर्ताओं के अनुसार अधिक हरी मिर्च प्रयोग करने से जठर सुन्न हो पड़ जाता है तथा पुरूषत्व का नाश होता है और आंखांे की रोशनी भी कम होने लगती है। शोधकर्ताओं के अनुसार हरी मिर्च मंें विटामिन ‘ए’ और ‘सी’ पाया जाता हैै। इसकी पकौड़ी खाने से जुकाम दूर होता है। हरी मिर्च अजीर्ण एवं कृमि को भी नष्ट करती है मगर इसका अधिक प्रयोग नहीं करना चाहिए। इसके अधिक सेवन से अर्श, दाह, प्रमेह, पेशाब की जलन आदि की शिकायत पैदा हो जाती है।
अमेरिका मानव विज्ञान जेम्स केयरी और ए.टी. स्टीगमेन के अनुसार नाक के आकार भी व्यक्ति के चरित्रा के विषय में सारी जानकारियों दे डालते हैं। दीर्घकालीन शोधोपरान्त यह तथ्य सामने आया कि जिनकी नाक बड़ी होती हैं, उनके पास अधिक पैसा होता है और जिनकी नाक चैड़ी होती है, वे अधिक कामुक होते हैं। नैन-नक्श की जानकारी रखने वाले विशेषज्ञों के अनुसार किसी भी व्यक्ति के चरित्रा के बारे में नाक सब कुछ बयां कर सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार चैड़ी नाक वाले स्त्राी-पुरूष अधिक सेक्सी होते हैं। चपटी नाक वालों में मक्कारी छिपी होती है जबकि छोटी नाक दयालुता की प्रतीक होती है।
कैलिफोर्निया के विशेषज्ञों के अनुसार मछली का तेल स्त्राी एवं पुरूष की अनेक सेक्सगत कमजोरियों को दूर करके उन्हें कामुक बनाने में योगदान करता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि आज के नवयुवक अपनी ब्याहता को पूरी तरह से यौन सुख प्रदान करने में अक्षम होते जा रहे हैं जिससे विवाह के कुछ दिनों बाद ही तलाक की नौबत आ जाती है।
डॉ. एस. मॉथम तथा डॅा. रीना रस्तोगी के अनुसार मछली का एक चम्मच तेल रोज खाने में उपयोग करके स्त्राी-पुरूषों सेेक्स की कमजोरी से निजात पा सकते हैं। साथ ही यह तेल हृदय के रोगियों के लिए भी अत्यधिक फायदेमन्द है। 56 स्त्राी-पुरूषों की जोड़ी पर इसका प्रयोग करने पर पाया गया कि जो तीन माह पहले सेक्स से मुंह चुराते थे, वे तीन माह बाद अत्यन्त प्रसन्न नजर आने लगे। सेक्स की कमजोरी को दूर करने में यह रामबाण है।
अगर आपके ऑफिस या घर के वेंटिलेशन सिस्टम में बाहरी वायु का प्रवेश अधिक हो तो आपके ऑफिस या घर में उन वायरस का स्तर कम होता है जो जुकाम खांसी का कारण बनते हैं। कई शोधों से यह सामने आया है कि इमारत के वेंटिलेशन और उसमें रहने वाले व्यक्तियों के श्वास संबंधी रोगों में परस्पर संबंध है इसलिए वेंटिलेशन सही होना आपके स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
(स्वास्थ्य दर्पण)