रांची/ अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की बैठक मजदूर नेता पीके पांडेय की अध्यक्षता में गूगल मीट के द्वारा संपन्न हुई। मंगलवार की वर्चुअल मीटिंग में कोरोना काल में दिल्ली के बॉर्डर पर शहीद किसानों, झारखंड के पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह मुंडा, सुधीर शुक्ला उमेश नजीर, केवला उरांव सहित कई साथियों को श्रद्धांजलि दी गई। अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव अखिल भारतीय किसान संघर्ष संघर्ष समन्वय समिति के संयोजक महेंद्र पाठक ने 26 मई को राष्ट्रव्यापी काला दिन मनाने पर विस्तार से चर्चा क
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि राष्ट्रव्यापी विरोध दिवस यानी 26 मई को झारखंड के सभी जिले के सभी गांवों में काला झंडा फहराया जाएगा। धरना प्रदर्शन की भी योजना बनी है। हमारे कार्यकर्ता व समर्थक मुंह पर काली पट्टी लगाएंगे और मांगों से संबंधित कार्डबोर्ड लेकर प्रदर्शकन करेंगे। इस मौके पर अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने कहा की वे सभी दल बधाई के पात्र हैं जिन्होंने किसानों के आंदोलन में समर्थन किया है।
मेहता ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार की हठधर्मिता से किसानों की जान जा रही है। मोदी सरकार की 7 साल की विफलता एवं किसान आंदोलन के 6 माह पूरे होने पर कल यानी बुधवर को पूरे देश भर में काला दिवस मनाया जा रहा है। किसानों के खिलाफ लाए गए तीनों कानून के खिलाफ यह राष्ट्रव्यापी आन्दोलन है।
उन्होंने कहा कि इस कानून से देश के किसान गुलाम बना लिए जाएंगे और किसानों की जमीन पर अडानी-अंबानी जैसे पूंजीपरस्थ खेती करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि सरकार के द्वारा लाई गयी बिजली बिल 2020 को निरस्त किया जाए।
साथ ही एमएसपी के लिए केंद्र की सरकार कानून बनाए। स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश को लागू करें। कोरोना से मरने वाले लोगों को 400000 रूपये मुआवजा की गारंटी दी जाए। केरल के तर्ज पर आटा, दाल, चावल, चीनी, तेल, मसाला, सब्जी आदि घर-घर में आपूर्ति कराई जाए।
उन्होंने कहा कि आयकर के दायरे से बाहर के लोगों को साढ़े सात हजार रूपये प्रति माह गुजारा भत्ता दिया जाए। किसानों के फसलों के नुकसान की मुआवजा एवं खरीफ और धान के बीज खाद कीटनाशक निःशुल्क मुहैया कराई जाए। आदि मांगों को लेकर पूरे राज्य में राष्ट्रव्यापी विरोध दिवस के रूप में बनाया जाएगा।
वर्चुअल बैठक में अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष भुवनेश्वर प्रसाद मेहता, महासचिव सह संयोजक महेंद्र पाठक, पीके पांडेय, अजय कुमार सिंह, रुचिर तीवारी, देव शंकर मिश्र, विष्णु कुमार, प्रकाश रजक, परमोद साहू, पशुपती कोल, कन्हाई माल पहाड़िया, झारखंड राज किसान सभा के सुफल महतो, अखिल भारतीय किसान महासभा के भुवनेश्वर केवट, पुरन महतो, इसाक अंसारी आदि साम्यवादी नेता उपस्थित थे।