नई दिल्ली/ अफगानिस्तान अब पूर्णरूपेण तालिबान के कब्जे में है। तालिबान ने अशरफ गनी की जगह अली अहमद जलाली को अंतरिम राष्ट्र प्रमुख नियुक्त किया है। अद्यतन समाचार के अनुसार तालिबान ने बगराम वायुसेना अड्डे पर कब्जा कर लिया है।
सरकार ने बगराम वायुसेना अड्डा तालिबान को सौंप दी है। घबराये सरकारी कर्मचारी दफ्तर छोड़कर भाग निकले हैं। राष्ट्रपति भवन में तालिबान के वार्ताकार मौजूद हैं और सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया चल रही है। इसके साथ ही अफगानिस्तान में तालिबान का शासन शुरू हो गया है।
अमेरिकी दूतावास पर हेलीकॉप्टर आ गये हैं। अफगानिस्तान के तीन अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि तालिबान ने राजधानी काबुल के बाहरी इलाकों में रविवार को प्रवेश कर लिया है। अधिकारियों ने बताया कि तालिबान के लड़ाके कलाकान, काराबाग और पघमान जिलों में मौजूद हैं।
चरमपंथियों ने इससे पहले जलालाबाद पर कब्जा किया था। काबुल में गोलीबारी की रुक-रुककर आ रही आवाज के बीच तालिबान ने काबुल को ‘जबरदस्ती’ अपने कब्जे में नहीं लेने का संकल्प लिया। तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि वो शांतिपूर्ण हस्तांतरण का इंतजार कर रहे हैं। तालिबान ने कहा, किसी की भी जान, संपत्ति, सम्मान को नुकसान नहीं पहुंचाया जायेगा और काबुल के नागरिकों की जिंदगी पर खतरा नहीं होगा।
रविवार को अमेरिका के बोइंग सीएच-47 हेलीकॉप्टर यहां अमेरिकी दूतावास पर उतरे। काबुल के अलावा जलालाबाद ही ऐसा इकलौता प्रमुख शहर था, जो तालिबान के कब्जे से बचा हुआ था। यह पाकिस्तान से लगती एक प्रमुख सीमा के निकट स्थित है।
अमेरिकी दूतावास के निकट सिकोरस्की यूएस-60 ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर के उतरने की भी खबर है। इन हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल आमतौर पर सशस्त्र सैनिकों को लाने-ले जाने के लिए किया जाता है। चेक गणराज्य ने भी अपने दूतावास से अफगान कर्मियों को निकालने की योजना को मंजूरी दे दी है। इससे पहले उसने अपने राजनयिकों को काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा पहुंचा दिया।
एक ओर अमेरिका अपने दूतावासकर्मियों को निकालने के प्रयासों को तेज कर रहा है, वहीं दूसरी ओर हजारों आम लोग काबुल में उद्यानों और खुले स्थानों में शरण लिये हुए हैं। काबुल में रविवार को शांति रही, लेकिन कई एटीएम से नगदी निकासी बंद हो गयी, निजी बैंकों के बाहर सैकड़ों की तादाद में जमा लोग अपनी जीवनभर की पूंजी को निकालने की आस लगाये एकत्रित हुए।