धर्मांतरण पर असंवैधानिक बयान से बचें आर्च बिशप : दीपक प्रकाश

धर्मांतरण पर असंवैधानिक बयान से बचें आर्च बिशप : दीपक प्रकाश

रांची/ राज्य में हो रहे धर्मांतरण के संबंध ईसाई धर्म गुरु आर्च बिशप फेलिक्स टोप्पो और मास्करेन हास का आपत्ति जनक बयान न सिर्फ असंवैधानिक है बल्कि निंदनीय भी है। उन्हे ऐसे बयान से बचना चाहिए। उक्त बातें भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश ने कही।

प्रकाश ने कहा कि भारत में सबको अपने अपने धर्म, संप्रदाय, पूजा अर्चना को मानने की संवैधानिक व्यवस्था है। परंतु किसी को भी लोभ,लालच या सेवा के नाम पर उनकी आस्था को बदलवाने का अधिकार प्राप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य है कि झारखंड की हेमंत सरकार बनते ही तुष्टिकरण की राजनीति हावी हो गई है।सबको पता है कि हेमंत सरकार बनते ही इसे क्रिसमस गिफ्ट की उपमा से नवाजा गया था। जिससे अन्य आस्था से जुड़े लोगों को पीड़ा हुई थी।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह बयान पूरी तरह अपरिपक्वता से भरा हुआ है जिसमे उन्होंने सत्ता परिवर्तन और धर्मपरिवर्तन को एक ही पलड़े में तौला है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के धर्म स्वतंत्र कानून से उन्हें क्यों दिक्कत है जिस में कही भी किसी व्यक्ति को किसी सम्प्रदाय ,पूजा अर्चना को अपनाने की मनाही नहीं है। कानून सिर्फ यह कहता है कि अगर किसी को अपनी पूजा पद्धति,मान्यता को बदलना है तो कानून के प्रावधानों के तहत उपायुक्त को एक आवेदन देकर अपनी बात सूचित करें। अब इसमें कौन सी परेशानी हो गई।

कहा कि आखिर प्रशासन को इस बात की जानकारी क्यों नहीं होनी चाहिए।आखिर कोई अपना धर्म बदलकर कल से अल्पसंख्यक की सरकारी सुविधाओं की मांग करेगा तो उसे अल्पसंख्यक की मान्यता प्राप्त करने के पहले उसे प्रशासन को क्यों नहीं बताना चाहिए?

आर्च बिशप ने लोकतांत्रिक परंपराओं का अपमान किया है। उन्होंने देश और राज्यों में सरकार के गठन और फिर परिवर्तन की बातों को एक जिले के डीसी से जोड़ा है। यह उनका बचकाना और भोले भाले लोगों को दिग्भ्रमित करने वाला है।आर्च बिशप को यह पता है कि भारत में करोड़ों लोगों केलिए आस्था और सांस्कृतिक पहचान राम,कृष्ण,शिव को भी भारत की संवैधानिक व्यवस्था से जूझना पड़ा है।

आज यही कांग्रेस पार्टी जिसके सहयोग से राज्य सरकार चल रही उसने तो एफिडेविट दायर कर राम के अस्तित्व पर ही प्रश्न खड़े कर दिए थे।

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