हरियाणा : कई भाजपायियों ने थामा कांग्रेस का हाथ, कुमारी शैलजा की उपस्थिति में बने सदस्य

हरियाणा : कई भाजपायियों ने थामा कांग्रेस का हाथ, कुमारी शैलजा की उपस्थिति में बने सदस्य

हिसार /चंडीगढ़/ अनेक सामाजिक संस्थाओं से जुड़े रहे रमेश मेहता एडवोकेट, भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष करण बत्तरा, भाजपा के पूर्व उपाध्यक्ष संदीप अग्रवाल, युवा मोर्चा के पूर्व मंडल अध्यक्ष सचिन सुखीजा, पूर्व मीडिया प्रभारी राकेश मेहला व भाल सिंह पलथानिया अपने सैकड़ों साथियों के साथ अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव एवं छत्तीसगढ़ की प्रभारी कुमारी सैलजा के नेतृत्व में वरिष्ठ कांग्रेस नेता वीरभान मेहता की उपस्थिति में हिसार में स्थित कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस में शामिल हुए।

इस दौरान वीरभान मेहता ने कहा कि मिलनसार स्वभाव एवं मृदभाषी रमेश मेहता रिकॉर्ड 9 बार सिरसा बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे। इस दौरान सिरसा के पूर्व सांसद चरणजीत सिंह रोड़ी, संदीप नेहरा, युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव विनीत कंबोज, राजन मेहता, राजेश चाडीवाल, लादूराम पूनिया, सुरजीत भावदीन, ओम डाबर, सही राम सहारण व रतन गेदर मौजूद थे। इस अवसर पर वीरभान मेहता ने कहा कि रमेश मेहता एवं युवा साथियों के कांग्रेस में आने से पार्टी को एक नई ऊर्जा मिली है। वीरभान मेहता ने कहा कि आज कांग्रेस के पक्ष में एकतरफा माहौल बना हुआ है। कांग्रेस 2005 की तुलना में भी 67 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करते हुए स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाएगी।

कांग्रेस सदैव ही विकासपरक राजनीति की पक्षधर रही है जबकि भाजपा झूठ एवं नफरत की सियासत करती है। मेहता ने कहा कि सिरसा में पिछले 9 वर्षों में एक भी बड़ी परियोजना नहीं आई है। मेडिकल कालेज के नाम पर एक बोर्ड लगा दिया गया है। यह सरकार जुमलों की सरकार है। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के 23 हजार पद खाली हैं तो स्वास्थ्य सुविधाओं का भी बुरा हाल है। अस्पतालों में चिकित्सकों के 25 हजार पद खाली पड़े हैं।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि उमस व गर्मी की वजह से प्रदेश में बिजली की डिमांड बढ़ रही है, बावजूद इसके तकनीकी कारण बताकर अडानी ने हरियाणा के हिस्से की 600 मेगावाट बिजली सप्लाई और कम कर दी है। भाजपा का अडानी प्रेम प्रदेश के लोगों पर भारी पड़ने लगा है, बिजली संकट को लेकर प्रदेशभर में प्रतिदिन धरना प्रदर्शन हो रहे हैं। उधर हरियाणा के हिस्से की बिजली अन्य प्रदेशों को महंगे दाम में बेचकर अडानी मोटा मुनाफा कमा रहा है। भाजपा की अडानी से दोस्ती का खामियाजा प्रदेश की पौने तीन करोड़ जनता को भुगतना पड़ रहा है और सरकार है कि बिजली संकट पर मौन साधे हुए है।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार की अदूरदर्शिता के कारण खेदड़ बिजली संयंत्र की 600 मेगावाट की एक यूनिट बंद पड़ी है। इधर, अडानी ने समझौते के मुताबिक 600 मेगावाट और बिजली देने से इंकार कर दिया है। इससे पहले 224 मेगावाट बिजली की सप्लाई देने से अडानी पीछे हट चुका है। ऐसे में हरियाणा को मजबूरी में महंगी दरों पर बिजली खरीदनी पड़ रही है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने अडानी पावर लिमिटेड के साथ 712-712 मेगावाट बिजली की खरीद के लिए 7 अगस्त 2008 को दो समझौते किए थे। इसमें 25 वर्षों के लिए 2.94 रुपये प्रति यूनिट बिजली ली जानी थी। एग्रीमेंट के अनुसार अडानी द्वारा हरियाणा को इस रेट में 2033 तक बिजली दी जानी है। लेकिन, प्रधानमंत्री से दोस्ती होने के कारण अडानी ने देश में बिजली की मांग बढ़ने पर हरियाणा को एग्रीमेंट के अनुसार बिजली की सप्लाई सितंबर 2021 में ही बंद कर दी। हरियाणा को अधिकतम 1200 मेगावाट बिजली ही दी गई।

कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश को एग्रीमेंट के अनुसार 1424 मेगावाट बिजली मिलनी चाहिए थी, लेकिन अडानी ने एकतरफा फैसला लेते हुए सप्लाई को कम करके 1200 मेगावाट कर दिया। प्रदेश सरकार एक बार भी इसके विरोध की हिम्मत नहीं जुटा पाई। इसके विपरीत अडानी को ही फायदा पहुंचाने के लिए शर्तों में गठबंधन सरकार की ओर से बदलाव कर दिए गए। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नई बनाई शर्तों के मुताबिक अब अडानी हरियाणा को 83 प्रतिशत घरेलू व 17 प्रतिशत आयातित कोयले से बनी बिजली प्रदान कर रहा था।

पहले यह अनुपात 70:30 का था। यानी, अडानी को सस्ता कोयला प्रयोग करने की छूट देकर एक ही झटके में भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने अरबों रुपये का फायदा पहुंचा दिया। दूसरी तरफ अडानी से खरीदी जाने वाली बिजली के दाम 3 पैसे प्रति यूनिट तक बढ़ा दिए, जिससे हर साल हरियाणा सरकार को 50 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान अडानी की कंपनी को करना पड़ रहा है। इससे अडानी का हौसला और अधिक बढ़ गया और अब 600 मेगावाट सप्लाई और बंद कर दी।

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